क्या आप वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नया Direct Tax Code 2025 के बारे में जानना चाहते हैं? भारत सरकार ने एक नया टैक्स कोड प्रस्तावित किया है। यह आपके कर भुगतान और आयकर दरों में बड़े बदलाव लाएगा।
नई डायरेक्ट टैक्स कोड का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। इससे करदाताओं को अधिक छूट और रियायतें मिलेंगी।
नया Direct Tax Code 2025 के माध्यम से सरकार कर अनुपालन बढ़ाना चाहती है। यह करदाताओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करेगा।
नए कोड से कर नियमों के विवाद कम होंगे। DTC 2025 में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इनमें 55 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कर छूट, विदेशी कंपनियों के लिए ब्रांच प्रॉफिट टैक्स, और स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
मुख्य अंश
- नया Direct Tax Code 2025 में आयकर दरों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं
- 55 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को अतिरिक्त कर छूट मिलेगी
- विदेशी कंपनियों और स्टार्टअप्स को भी नए कोड के तहत विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे
- DTC 2025 का उद्देश्य कर अनुपालन बढ़ाना और करदाताओं की संख्या में वृद्धि करना है
- नए डायरेक्ट टैक्स कोड से कर नियमों से संबंधित विवादों को कम करने में मदद मिलेगी
Direct Tax Code 2025 की घोषणा
भारत सरकार ने नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 लागू करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस घोषणा की। यह कोड पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा। नया डायरेक्ट टैक्स कोड कर प्रणाली को आसान बनाने के लिए लाया गया है।
2025 से नए डायरेक्ट टैक्स कोड का क्रियान्वयन
वित्त मंत्रालय ने बताया कि नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 से लागू होगा। इसमें कर दरों में बदलाव और सुविधाएं शामिल होंगी। डायरेक्ट टैक्स कोड के बारे में चर्चा की जाएगी।
वित्त मंत्री द्वारा 2025 बजट सत्र में घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 बजट सत्र में घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार कर प्रणाली को बेहतर बनाने का काम कर रही है। बजट सत्र में वे नए डायरेक्ट टैक्स कोड के बारे बताएंगी।
“नया डायरेक्ट टैक्स कोड करदाताओं के लिए कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाएगा। यह कर अनुपालन को बढ़ावा देगा और कर संग्रह में वृद्धि करेगा।” – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नए डायरेक्ट टैक्स कोड के बारे कुछ महत्वपूर्ण बातें यहां दी गई हैं:
- वित्त वर्ष 2022-23 में 58% कॉरपोरेट कर सरलीकृत कर व्यवस्था से प्राप्त हुआ
- पिछले वित्त वर्ष में दो-तिहाई से अधिक करदाताओं ने नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का विकल्प चुना
- नई कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई
- पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई
नए डायरेक्ट टैक्स कोड से कर प्रणाली में सुधार होगा। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मदद करेगा।
Direct Tax Code 2025 की विशेषताएं
भारत सरकार ने 2025 में नई डायरेक्ट टैक्स संहिता लागू करने का फैसला किया है। यह संहिता प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल और एकीकृत बनाने पर केंद्रित है। इसमें व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे।
कर प्रणाली को सरल और एकीकृत बनाना
Direct Tax Code 2025 का मुख्य उद्देश्य है देश के सभी प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल और एकीकृत करना। आयकर, लाभांश वितरण कर, फ्रिंज बेनिफिट्स टैक्स और संपत्ति कर सभी एक ही संहिता में शामिल होंगे। यह करदाताओं के लिए अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाएगा।
कर नियमों को करदाता अनुकूल बनाना
नई संहिता में कर नियमों को अधिक प्रभावी और करदाता अनुकूल बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि व्यक्तिगत कर योजनाएं और कॉर्पोरेट कर नियम करदाताओं के अनुकूल हों। कर घोषणा और भुगतान प्रक्रिया को भी सरल किया जाएगा।
नई डायरेक्ट टैक्स कोड से करदाताओं को एक सरल और प्रभावी कर प्रणाली का लाभ मिलेगा। – वित्त मंत्री
कर रियायतों और छूट को युक्तिसंगत बनाना
Direct Tax Code 2025 में कर रियायतों और छूट को युक्तिसंगत बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। अनावश्यक छूट को हटाकर और आवश्यक रियायतों को बनाए रखने से कर प्रणाली अधिक प्रभावी होगी। इससे करदाताओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- मकान किराया भत्ता छूट
- धारा 80C के तहत निवेश पर कटौती
- धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती
- धारा 24 के तहत होम लोन ब्याज पर कटौती
इस प्रकार, Direct Tax Code 2025 की विशेषताएं देश की कर प्रणाली को सरल, प्रभावी और करदाता अनुकूल बनाएंगी। यह व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट करदाताओं दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
नए Direct Tax Code 2025 के बारे में सब कुछ जानें
नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 भारत की कर प्रणाली को बदलेगा। यह कर अनुपालन को आसान बनाएगा। करदाताओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
डिजिटल भुगतान और अप्रत्यक्ष करों को सुधारने पर जोर दिया जाएगा।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 में 700 से अधिक धाराएं होंगी। ये विभिन्न कर नियमों को कवर करेंगी।
इसे देश की आर्थिक जरूरतों और भविष्य के लक्ष्यों के अनुसार तैयार किया जा रहा है।
कोड का मुख्य उद्देश्य करदाताओं के लिए अनुपालन बोझ कम करना है।
- नए टैक्स कोड के तहत व्यक्तिगत आयकर स्लैब और दरें तर्कसंगत होंगी। 55 लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा।
- कॉर्पोरेट कर नियमों को सरल किया जाएगा। विदेशी कंपनियों को ब्रांच प्रॉफिट टैक्स देना होगा। स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन मिलेंगे।
- डायरेक्ट टैक्स कोड के तहत कर प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी। ऑनलाइन कर भुगतान और रिटर्न दाखिल करने की सुविधाएं बेहतर होंगी।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा। यह भारत के करदाताओं के लिए एक नई और बेहतर व्यवस्था लाएगा।
मुख्य स्रोत | इनकम टैक्स एक्ट | डायरेक्ट टैक्स कोड |
---|---|---|
दर संरचना | 3 स्लैब, 5% – 30% | 4 स्लैब, 55 लाख तक कर मुक्त |
डिजिटल भुगतान | कम प्रोत्साहन | बढ़ाया गया प्रोत्साहन |
अप्रत्यक्ष कर | बहुत से अप्रत्यक्ष कर | युक्तिसंगत अप्रत्यक्ष कर ढांचा |
कर अनुपालन | ज़्यादा अनुपालन आवश्यकताएं | न्यूनतम अनुपालन बोझ |
नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 कर प्रणाली को आधुनिक और सरल बनाएगा। यह देश के आर्थिक विकास में मदद करेगा। सरकार के कर राजस्व में भी वृद्धि होगी।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के उद्देश्य
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 का मुख्य उद्देश्य है कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना। यह कोड कर कानूनों को सीधा और समझने योग्य बनाने के लिए है। सरकार इस कोड के माध्यम से कर संग्रह में सुधार और करदाताओं की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है।
कर अनुपालन को आसान बनाना
DTC 2025 कर प्रणाली को उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य कर नियमों को सरल और स्पष्ट बनाना है। इससे करदाताओं को अनुपालन करना आसान हो जाएगा।
यह कोड कर छूट और रियायतों को भी सुधारेगा। ऑनलाइन कर फाइलिंग को बढ़ावा देने से समय और प्रयास की बचत होगी।
टैक्सपेयर्स की संख्या में वृद्धि करना
DTC लागू होने से देश में करदाताओं की संख्या बढ़ेगी। सरलीकृत प्रणाली और प्रोत्साहन अधिक लोगों को करदाता बनाएंगे।
नए स्टार्टअप्स और उद्यमियों को विभिन्न लाभ मिलेंगे। इससे राजस्व संग्रह में सुधार होगा और देश का आर्थिक विकास तेज होगा।
“डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के आने से नए स्टार्टअप्स को विभिन्न फायदे और प्रोत्साहन मिल सकता है।”
कर नियमों से संबंधित विवादों को कम करना
डायरेक्ट टैक्स कोड विवादों को कम करने के लिए है। यह पूर्वानुमानित और स्पष्ट नियम लाकर होगा।
DTC अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार कर मानदंडों को अपनाएगा। विवादों के तेज समाधान के लिए वैकल्पिक तंत्र होंगे।
महत्वपूर्ण बिंदु | विवरण |
---|---|
कर अनुपालन को सरल बनाना | DTC कर प्रणाली को उपयोगकर्ता अनुकूल बनाएगा और अनुपालन को आसान करेगा |
करदाताओं की संख्या बढ़ाना | सरलीकृत कर प्रणाली और प्रोत्साहन अधिक लोगों को कर के दायरे में लाएंगे |
विवादों को कम करना | DTC विवादों के त्वरित समाधान के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र स्थापित करेगा |
इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 भारत में कर परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह कर अनुपालन में सुधार करेगा, करदाताओं की संख्या बढ़ाएगा और कर विवादों को कम करके समग्र कर संग्रह में वृद्धि करेगा।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 का विकास
डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) का विकास एक लंबी प्रक्रिया रही है। यह देश की आर्थिक जरूरतों के अनुसार टैक्स नियमों को बदलने के लिए शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और अधिक कुशल बनाना है।
DTC का प्रस्ताव पहली बार 2009 में
डायरेक्ट टैक्स कोड का विचार 2009 में प्रस्तावित किया गया था। इसका मकसद मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 को बदलना था। 2009 में इसका पहला ड्राफ्ट जारी किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए थे।
2010 से 2017 तक DTC में संशोधन
2010 से 2017 तक, DTC के ड्राफ्ट में कई संशोधन हुए। इस दौरान, विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श हुआ। 2014 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स अधिकारियों को DTC पर काम करने के लिए निर्देश दिया।
DTC 2025 में टैक्स नियमों का पुनर्गठन किया जा रहा है। यह सरकार के राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के साथ-साथ करदाताओं के लिए भी अनुपालन को आसान बनाएगा। टैक्स दरों को युक्तिसंगत बनाने, छूट को सीमित करने और कर प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 भारत की कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार लाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाएगा और सरकार के लिए राजस्व संग्रह को अधिक कुशल बनाएगा।
इनकम टैक्स एक्ट और Direct Tax Code में अंतर
Direct Tax Code 2025 भारत के प्रत्यक्ष कर कानूनों को बदलने का लक्ष्य रखता है। इसमें इनकम टैक्स एक्ट 1961 और अन्य अधिनियमों को शामिल किया गया है। यह एक एकल विधेयक के रूप में कर कानूनों को सरल बनाने का प्रयास है।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में विभिन्न कर स्लैब और दरें हैं। लेकिन, डायरेक्ट टैक्स कोड में 55 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कर में राहत मिलेगी।
इसके अलावा, विदेशी कंपनियों को ब्रांच प्रॉफिट टैक्स देना और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के प्रावधान भी हैं।
निम्नलिखित तालिका इनकम टैक्स एक्ट 1961 और डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के बीच अंतर दिखाती है:
इनकम टैक्स एक्ट 1961 | डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 |
---|---|
विभिन्न कर स्लैब और दरें | 55 लाख रुपये तक की आय पर कर राहत |
कई छूट और कटौतियां उपलब्ध | छूट और कटौतियों को युक्तिसंगत बनाया गया |
जटिल कॉर्पोरेशन टैक्स नियम | सरलीकृत कॉर्पोरेट कर संरचना |
विवादों के निपटारे की लंबी प्रक्रिया | करदाता मैत्रीपूर्ण विवाद समाधान तंत्र |
डायरेक्ट टैक्स कोड कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य रखता है। यह कोड कर नियमों को सुधारेगा और करदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाएगा।
इसके अलावा, यह विवादों को कम करने और समाधान प्रक्रिया को तेज करने पर भी ध्यान देता है।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 देश के कर ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार लाएगा। यह करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाएगा।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 इनकम टैक्स एक्ट 1961 की तुलना में अधिक सुव्यवस्थित है। यह कर कानूनों को सरल बनाएगा और कर अनुपालन बढ़ाएगा।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के चलते व्यक्तियों को मिलने वाली राहत
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 लागू होने से लोगों को राहत मिलेगी। आयकर दरों में बदलाव से लोगों को फायदा होगा। DTC 2025 में आय के अनुसार टैक्स देनदारी में बदलाव हो सकता है।
55 लाख तक आय वालों को कर छूट
DTC 2025 में 55 लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्स से छूट मिलेगी। इससे उन्हें टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी। यह मध्य वर्ग के लिए बहुत मददगार होगा।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 महिलाओं के लिए भी विशेष प्रावधान लाएगा। महिलाओं के लिए अलग-अलग आय वर्ग के लिए टैक्स स्लैब हो सकते हैं।
आय सीमा (रुपये) | कर दर |
---|---|
3,00,000 तक | शून्य |
3,00,001 से 6,00,000 | 5% |
6,00,001 से 9,00,000 | ₹15,000 + 10% |
9,00,001 से 12,00,000 | ₹45,000 + 15% |
12,00,001 से 15,00,000 | ₹90,000 + 20% |
15,00,000 से अधिक | ₹1,50,000 + 30% |
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 में वरिष्ठ नागरिक महिलाओं के लिए भी समान दर हो सकती है। लेकिन, कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। आयकर दरों में बदलाव के साथ, विभिन्न आय वर्गों के लिए कर दर निर्धारित की जा सकती है।
- ₹2,50,000 तक की आय: शून्य
- ₹2,50,001 से ₹5,00,000 तक: 5%
- ₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक: 20%
- ₹10,00,000 से अधिक: 30%
इसके अलावा, कर योग्य आय के आधार पर अतिरिक्त कर दर भी लग सकते हैं। जैसे:
- 50 लाख से अधिक लेकिन 1 करोड़ से कम आय पर 10% कर
- 1 करोड़ से अधिक लेकिन 2 करोड़ से कम आय पर 15% कर
- 2 करोड़ से अधिक आय पर 25% कर
नई कर व्यवस्था महिलाओं के लिए बचत, बीमा प्रीमियम, रिटायरमेंट खातों और दान पर छूट प्रदान करेगी। आयकर छूट, शिक्षा छात्रवृत्ति और सेवानिवृत्ति निधि से संबंधित भी लाभ हो सकते हैं।
धारा 80C, 80TTA, 80TTB, 80JJAA और अन्य के तहत बचत, सरकारी योजनाओं में निवेश, दान और होम लोन पर कर लाभ भी मिलने की उम्मीद है। डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के माध्यम से करदाताओं, खासकर मध्यम वर्ग को आयकर दरों में परिवर्तन और विभिन्न छूट के जरिए पर्याप्त राहत मिलेगी।
कॉर्पोरेट टैक्स नियमों में बदलाव
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 ने कॉर्पोरेट टैक्स नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव कर प्रणाली को आसान बनाने के लिए हैं। भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच समानता भी बढ़ाई गई है।
विदेशी कंपनियों द्वारा ब्रांच प्रॉफिट टैक्स का भुगतान
अब विदेशी कंपनियों को भारत में अपनी शाखाओं के लाभ पर टैक्स देना होगा। यह कर चोरी को रोकेगा। घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए समान मौके मिलेंगे।
स्टार्टअप्स को मिलने वाले प्रोत्साहन
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 ने स्टार्टअप्स के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं। इसमें शामिल हैं:
- पहले तीन वर्षों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) से छूट
- पहले पांच वर्षों के लिए अनुसंधान और विकास (R&D) व्यय पर 200% की कटौती
- पहले सात वर्षों के लिए एंजल टैक्स से छूट
ये प्रोत्साहन स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देंगे। नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।
कॉर्पोरेट टैक्स नियमों को सरल बनाया गया है। इससे कंपनियों को कर अनुपालन आसान हो जाएगा। कर विवाद भी कम होंगे।
वर्तमान कॉर्पोरेट टैक्स दर | नई कॉर्पोरेट टैक्स दर |
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30% घरेलू कंपनियों के लिए | 25% सभी घरेलू कंपनियों के लिए |
40% विदेशी कंपनियों के लिए | 40% विदेशी कंपनियों के लिए (ब्रांच प्रॉफिट टैक्स समेत) |
नई टैक्स व्यवस्था भारत को निवेश के लिए आकर्षक बनाएगी। यह अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाएगा। डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के सुधारों से उद्योग जगत को फायदा होगा।
Direct Tax Code 2025 के तहत करदाताओं के लिए सुविधाएं
Direct Tax Code 2025 कर प्रक्रिया को सरल बनाने पर केंद्रित है। इसमें कई नई सुविधाएं शामिल हैं। डिजिटल कर भुगतान प्लेटफ़ॉर्म की मदद से टैक्स भुगतान आसान हो जाएगा।
कर प्रक्रिया को डिजिटल बनाना
DTC 2025 के तहत, सरकार कर भुगतान को पूरी तरह डिजिटल बनाने का काम कर रही है। एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जा रहा है। इस प्लेटफ़ॉर्म के जरिए, करदाता ऑनलाइन कर भुगतान कर सकेंगे।
इस प्लेटफ़ॉर्म पर, करदाता के सभी कर डेटा एक स्थान पर होंगे। यह करदाताओं को कर भुगतान से संबंधित जानकारी आसानी से मिलेगी। साथ ही, वे कर भुगतान की स्थिति रियल-टाइम में देख सकेंगे।
टैक्सपेयर्स और CBDT के बीच मध्यस्थता
DTC 2025 में टैक्सपेयर्स और CBDT के बीच विवादों का समाधान करने के लिए मध्यस्थता व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्यस्थों की मदद से कर विवाद जल्दी सुलझाए जाएंगे।
कर विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए, निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
- मध्यस्थता प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना
- मध्यस्थों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर जोर
- मध्यस्थता के निर्णयों को अंतिम और बाध्यकारी बनाना
मध्यस्थता व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन से कर विवाद कम होंगे। इससे कर संग्रह में वृद्धि होगी और करदाताओं का विश्वास भी बढ़ेगा।
नए डायरेक्ट टैक्स कोड के लागू होने का समय
नया डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) 2025 में लागू होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने इसकी घोषणा की है। सरकार जुलाई 2024 तक इसकी समीक्षा पूरी करने का लक्ष्य रखा है।
नए टैक्स कोड को 2025 के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। उसी वर्ष इसके प्रावधान लागू होंगे।
DTC के लागू होने से भारत की अर्थव्यवस्था लाभ उठाएगी। यह करदाताओं की संख्या बढ़ाएगा। कर संग्रह में भी सुधार होगा।
कर प्रणाली सरल और कुशल होगी। व्यवसायों और नागरिकों के लिए अनुपालन आसान होगा।
नए टैक्स कोड में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हैं। ये करदाताओं को राहत देंगे और अर्थव्यवस्था को सकारात्मक प्रभाव देंगे।
- 3 से 7 लाख रुपये की आय वाले लोगों के लिए 5% कर दर। 7 से 10 लाख रुपये की आय पर 10% कर।
- नई व्यवस्था से लगभग 4 करोड़ लोगों को लाभ होगा। उन्हें वार्षिक 17,500 रुपये तक की बचत होगी।
- पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन कटौती 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई है।
- अल्पकालिक निवेश पर पूंजीगत लाभ कर 20% निर्धारित किया गया है।
- ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए GST दर 1% से घटाकर 0.1% की गई है।
नए कर नियमों में म्यूचुअल फंड, स्टार्ट-अप और विभिन्न भुगतानों पर TDS दरों में बदलाव हुआ है। ये उपाय भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
विवरण | प्रावधान |
---|---|
म्यूचुअल फंड्स का पुनर्निवेश | 20% पूंजीगत लाभ कर कटौती नहीं |
सभी श्रेणियों के स्टार्टअप्स में निवेश पर लगने वाला एंजेल टैक्स | समाप्त |
विभिन्न भुगतानों के लिए TDS दर | पिछली 2% TDS दर के बजाय 5% |
सोने, बॉन्ड और डिबेंचर जैसी परिसंपत्तियों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन लाभ की धारण अवधि | 24 महीने तक बढ़ी |
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के लागू होने से भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएंगे। यह कर प्रणाली आसान और पारदर्शी बनाएगी। विवादों को कम करेगी।
DTC भारत की वित्तीय और आर्थिक नीतियों को मजबूत करेगा।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के लिए आवश्यक विवरणी और फॉर्म
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के तहत, करदाताओं को प्रत्यक्ष कर रिटर्न दाखिल करना और कर भुगतान करना आसान होगा। नए फॉर्म और प्रारूप तैयार किए जाएंगे। इनमें आवश्यक जानकारी भरना होगा ताकि पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित हो।
वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा नए फॉर्म के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। यह करदाताओं को सही जानकारी भरने में मदद करेगा। ऑनलाइन कर भुगतान और ई-चालान जमा करने के लिए भी नए विकल्प मिलेंगे।
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के तहत, कुछ महत्वपूर्ण फॉर्म और विवरणियां हो सकती हैं:
- ITR फॉर्म (इनकम टैक्स रिटर्न) – व्यक्तिगत, HUF, कंपनियों आदि के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म
- TDS और TCS रिटर्न – नियोक्ताओं और भुगतानकर्ताओं द्वारा स्रोत पर कर कटौती और संग्रह का विवरण
- विवरणी फॉर्म – आय, खर्च, क़र्ज़, निवेश आदि का विस्तृत ब्यौरा देने के लिए
- अग्रिम कर भुगतान का चालान – आय अनुमान के आधार पर अग्रिम कर जमा करने का प्रारूप
नीचे दी गई तालिका डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के अंतर्गत संभावित महत्वपूर्ण तिथियों और प्रत्यक्ष कर रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा को दर्शाती है:
कर रिटर्न / विवरणी | जमा करने की अंतिम तिथि |
---|---|
ITR-1, ITR-2, ITR-4 (ऑडिट के अधीन नहीं) | 31 जुलाई, 2025 |
ITR-3, ITR-5, ITR-6 (ऑडिट के अधीन) | 31 अक्टूबर, 2025 |
TDS और TCS तिमाही रिटर्न | तिमाही समाप्ति के 31 दिनों के भीतर |
अग्रिम कर भुगतान | 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर, 15 मार्च |
डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 के कार्यान्वयन से कर प्रणाली आसान और कुशल हो जाएगी। नए फॉर्म और विवरणियां प्रत्यक्ष कर रिटर्न दाखिल करने और अनुपालन करने की प्रक्रिया को बेहतर बनाएंगी।
निष्कर्ष
नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए बनाया गया है। यह करदाताओं की संख्या बढ़ाएगा और कर देना आसान हो जाएगा। यह 2025-26 वित्त वर्ष से आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा।
इस नए कोड के साथ, आयकर स्लैब और कटौती में बदलाव हुआ है। Rs. 3,00,000 तक की आय पर कर नहीं लगेगा। मानक कटौती भी बढ़कर Rs. 75,000 हो गई है।
इन बदलावों से व्यक्तिगत करदाताओं को कर में लगभग Rs. 17,500 बच सकते हैं।
कंपनियों पर भी नए कोड का प्रभाव पड़ेगा। कर दरें एकीकृत होंगी। स्टार्टअप्स को भी मदद मिलेगी।
कर प्रक्रिया डिजिटल होगी। टैक्सपेयर्स और CBDT के बीच मध्यस्थता के प्रावधान भी होंगे।
नया डायरेक्ट टैक्स कोड 2025 भारत की कर प्रणाली को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।