बजट 2023 में केंद्र सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 43B के दायरे में MSME को किए गए भुगतान को शामिल किया गया है।
– यदि आपका आपके सप्लायर से कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है तो आपको उसका पेमेंट 15 दिनों के भीतर करना है।
यदि आपका अपने MSME सप्लायर से कोई पेमेंट का अग्रीमेंट है, तो आपको उसका समय पर पेमेंट करना होगा। अगर यह समय सीमा 45 दिनों से अधिक है, तो आपको 45 दिनों के भीतर पेमेंट करना है।
आपको अपने सभी सप्लायर से Declaration लेनी होगी की वो MSME है या नहीं। यदि ऑडिट के समय आपके पास Declaration नहीं हुई तो आपका CA आपके सभी Creditors को MSME मानेगे।
जो सप्लायर आपको Declaration में ये देता है की वो MSME नहीं है तो आप उसका पेमेंट 15 दिन या 45 दिन के हिसाब से करने के लिए वाध्य नहीं है।
सरकार ने 01 सितम्बर 2021 को एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया था जिसके तहत ट्रेडर्स MSME में रजिस्ट्रेशन तो करवा सकते है लकिन....
....ट्रेडर्स को MSME एक्ट में 45 या 15 दिन में पेमेंट का लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए 43B के प्रावधानों में ट्रेडर्स शामिल नहीं होंगे।
– माइक्रो इंटरप्राइजेज – स्माल इंटरप्राइजेज – मीडियम इंटरप्राइजेज – इनकम टैक्स की धारा 43B में केवल माइक्रो और स्माल इंटरप्राइजेज को शामिल किया गया है।
– आपकी केटेगरी आपके MSME के सर्टिफिकेट पर लिखी होती है। – आप मैन्युफैक्चरर है या सर्विस प्रोवाइडर है या ट्रेडर है ये भी आपके msme सर्टिफिकेट पर लिखा होता है।
– यदि सर्टिफिकेट पर Small या Micro लिखा है तो आप अपनी Declaration में बतायेगे की आपकी फर्म MSME के दायरे में आती है और धारा 43B(h) के प्रावधान आपके ऊपर लागु होते है।
– और यदि MSME के सर्टिफिकेट पर Medium लिखा है तो आप बतायेगे की आपकी फर्म MSME के दायरे में तो आती है लकिन धारा 43B(h) के प्रावधान आपके ऊपर लागु नहीं होते है।
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