पति-पत्नी की तीखी नोकझोंक और माँ की सलाह

सुबह सुबह पति पत्नी में कहासुनी हो गयी। पत्नी बोली तुम कमाते हो इसका मतलब ये नहीं है की चाहे जब मुझपर रोब झाड़ोगे। दिनभर इस घर में खपती हूँ जब जाकर ये घर जैसा दिखाई देता है। दो दिन के लिए अगर मायके चली गयी तो पूरा घर कबाड़खाना नज़र आएगा।

पति भी गुस्से में बोला हर वक्त मायके जाने की धमकी मत दिया कर। दो हज़ार किसी नौकरनी को दूंगा तब भी ये घर जैसा ही दिखाई देगा। पत्नी बोली:- तब ठीक है लगा लेना नौकरनी। में तो इस घर में अब एक पल भी नहीं रहूँगी। पति भी गुस्से में था बोला “में भी तुम्हें झेलते झेलते तंग आ गया हूँ”।

पति गुस्से में ऑफिस निकल गया। पत्नी ने लालपिली होकर माँ को फोन मिलाया और बोली:- मम्मी में आ रही हूँ। मुझे नहीं रहना इनके साथ। ये हर समय मुझसे लड़ते रहते है।

माँ बोली “क्या हुआ? उसने तुम पर हाथ उठाया क्या” बेटी बोली “नहीं” माँ ने फिर पूछा “गालिया दी क्या?” बेटी बोली “नहीं” माँ गुस्से में बोली “तुमने भी तुम्हारी बहन की तरह ड्रामा शुरू कर दिया क्या? 5 वर्ष से वो तलाक लेकर घर में बैठी है”। अभी तक ना कोई ढंग का लड़का मिल रहा है ना ही उसकी तेरी भाभी से बन रही है। यहा भी उसके कारण रोज कलह हो रहा है।

माँ आगे बोली “बेटी अब नादानियां छोड़ दे और बड़ी हो जा। शादी कोई गुड्डे गुड़िया का खेल नहीं है की जब चाहा शादी कर ली और जब चाहा तोड़ दिया। ये नोक झोक दुनिया के हर पति पत्नी में होती है और इसी तरह जिंदगी गुज़र जाती है। नोकझोक के बाद एक दूसरे को मना लिया करो। रोज़ प्यार से रहोगे तब भी उभ जाओगे।

बेटी बोली:- तो अब क्या करू माँ? वो तो मुझसे लड़कर गए है। मेंने तो उन्हे बोल दिया की मायके जा रही हूँ। अब अगर मायके नहीं आई तो मेरी बेइज्जती नहीं हो जाएगी। और वो भी मेरी कदर करना छोड़ देंगे। ऐसा करती हूँ आज तो आ ही जाती हूँ फिर कुछ दिन बाद वापस आ जाऊँगी।

माँ बोली:- मायके भूल कर भी मत आना। इस छोटी छोटी बातो से दूर होने का मतलब है अपनी जिम्मेदारियों से भागना। पति पत्नी अगर छोटी छोटी बातों के कारण दूर रहने लगते है तब एक दूसरे के बिना रहना सीख जाते है। इसलिए वही घर पर रह और सुलह कर ले। मेरे घर मत आना और इतना कह कर मम्मी ने फोन काट दिया।

उसे अपनी माँ पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वह दोपहर तक यू ही पड़ी रही। कोई काम नहीं किया। दोपहर बाद गुस्सा कुछ कम हुआ तो उसने सुबह की लड़ाई में अपनी गलतियां खोजनी शुरू की। शांत दिमाग से सोचने पर उसे अपनी गलतियां नज़र आई। उसने आइंदा गलतियां ना करने की कसम खाई। और काम में लग गयी।

फिर उसने पति की पसंद की 5-6 डिश बना डाली। शाम को पति घर आया तो पत्नी ने ऐसे जाहिर किया जैसे कुछ हुआ हि नहीं हो। पति जब खाने की टेबल पर बैठा तो खाने की खुसबू से ही खुश हो गया। फिर पति के दिमाग में क्या आया पता नहीं वह चप्पल पहन कर घर से बाहर निकल गया।

पत्नी पति के पीछे भाग कर गेट तक आई तब तक वह आंखो से ओझल हो चुका था। वह डरते डरते गेट पर ही बैठ गयी। उसे लगा पति अभी तक नाराज़ है तभी खाना खाये बिना घर से बाहर चले गए। मगर कुछ मिनट बाद जब पति को वापस आते देखा और उनके हाथो में अपनी मंदपसंद आइसक्रीम का डब्बा देखा तो उसके आँसू निकल गए।

और वह बिना कुछ बोले उनके सीने से लिपट गयी। पति बोला:- अरे अरे रुको डिब्बा गिर जाएगा। वह चिपके चिपके ही बोली “सौरी” पति ने भी बिना देर किए कहा “में भी सुबह के व्यवहार के लिए तुमसे माफी मांगना चाहता हूँ। मेरी माँ कहती है में पापा की तरह गुस्सा बहुत करता हूँ। जैसे मेरी माँ ने पापा को संभाला तुम भी मुझे संभाल लो ना। पत्नी कुछ नहीं बोली बस पति से लिपटी रही । और मन ही मन अपनी माँ को याद कर के उनका धनयवाद करने लगी।